सूंघने की इंद्री सक्रिय होने के लिए
आवश्यक सभी अवयव
कार्य करने लगते हैं।
अपरिपक्व जन्मे शिशुओं के अध्ययन से
पता चलता है
कि उनमें गर्भाधान के सिर्फ 26 सप्ताह बाद ही
गंध सूंघने की क्षमता विकसित हो जाती है।
गर्भावरण के द्रव्य में कोई मीठा
पदार्थ रखने से गर्भस्थ शिशु
द्वारा निगलने की दर बढ़ जाती है।
इसके विपरीत, कोई कड़वा पदार्थ रखने से
निगलने की गति घट जाती है।
चेहरे की अभिव्यक्तियां प्रायः बदलती रहती हैं।